वादा
वादा
ना तो तू झूठा.... ना यार मेरे तेरा वादा झूठा,
वक्त की हर मार ने ,
हम दोनों के एहसासों को है बस लूटा।
जब मान ही लिया तुझको अपना,
तो अपनों से फिर कैसा शिकवा।
नहीं समझती मैं तुझको गलत,
चाहे चली जाऊं एक दिन जमी से फलक।
कुछ तो होगी तेरी भी मजबूरी,
जिससे बढ़ गई हम दोनों के बीच ये दूरी।
होगा कोई ऐसा भी तुझको फर्ज निभाना जरूरी,
जिसके चारों ओर बंध गई हो, तेरे जीवन की धुरी।
विश्वास किया है इतना तुझ पर,
तू चाह कर भी उस रुख को तोड़ ना पाएगा,
यकीन भी है मुझको अपने रब पर पूरा
एक दिन ऐसा भी होगा ,
कि तू लौट कर जरूर आएगा।
ना आ सकोगें तो भी ,
सदा तेरे आने की आस रहेगी,
दूर से ही सही,
मेरी हर धड़कन की दुआओं में शामिल
तेरे लिए ...इस दिल से
बस दुआएं ही रहेगी..
बस दुआएं ही रहेगी।