उसको भी कुछ कहने दे
उसको भी कुछ कहने दे
अक्सर सुनना भी ज़रूरी होता है,
दूसरे को मौका देना भी जरूरी होता है।
चैन से बैठ के उसको कहने दे,
दो बातें उसकी भी होने दे।
क्या पता वो हिचकता हो
कुछ भी कहने में झिझकता हो।
तू थोड़ी देर को रुक तो ज़रा
और ध्यान दे उसको सुन तो भला।
वो पहले ही कम बोलता है
उस पर तू भी कभी न रुकता है।
कैसे वो तुझको सबकुछ बतला दे,
अरे रुक तो ज़रा दो बातें उसको भी कह लेने दे।
उसके मन को समझा कर
और यूँ ही न उसको टोका कर।
उसके मन में भी है ढेरों बातें
उसको मौका दे और कुछ रातें।
बेहिसाब तू बोलता है और वो
चुप चाप सुनता है, क्यों इतना उतावला बनता।
वो तेरा है और तू उसका,
फिर क्यों बेचैन सा रहता है।
मन उसका पढ़ के देख
कभी तो उसको भी सुन के देख।
तेरा ही अक्स मिलेगा उसकी बातों में,
अरे रुक तू जा हो जाने दे उसकी भी बातें।
रिश्ता वही मजबूत बना जहाँ
दोनों ने एक दूसरे को सुना।
अक्सर सुनना भी ज़रूरी होता है,
दूसरे को मौका देना भी जरूरी होता है।