उन्मुक्त इरादों में
उन्मुक्त इरादों में
हमने रक्तरंजित इतिहासों में
दीये जलाये थे अंधेरी रातों में
कोई क्या हमारा, रस्ता रोकेगा,
शोलों पे रखे कदम यूँ बातों में
पीठ दिखा भागना आदत नही,
हम शूरवीर है,कोई कायर नहीं,
लड़ मरे है, इतिहास किताबों में
कभी न डरे, मौत के जल्लादों से
हमने रक्तरंजित इतिहासों में
दीये जलाये थे,अंधेरी रातों में
पाएंगे लक्ष्य श्रम के धागों से
हम बड़े मजबूत है, इरादों में
गिरकर उठ जाएंगे हम वापस,
न डरेंगे किंचित अंधेरी रातों से
हम कर्मवीर है,गीता-पुराणों के
गुलाब खिलाएंगे, शूल बाहों में
चलते जाएंगे, अपने कदम तो,
फ़लक की ऊंची इमारतों में
न रुकेंगे हम चाँद-सितारों में
उड़ेंगे सदा ही उन्मुक्त इरादों में।