उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
इस तरह वो मुहब्बत जताने लगे,
बात आँखों से हमको बताने लगे।
ख्वाब में देख जिनको थे हम जी रहे,
क्या कहूँ बेखबर क्यों सताने लगे।
हो गए थे कहीं दूर हमसे कभी,
वो हकीकत में मिलने को आने लगे,
भूल बैठे थे हम जिस मुलाकात को,
फिर वो मौसम हमें याद आने लगे।
एक पल को न उठती थी जिसकी नज़र,
आज नज़रों से नज़रें लड़ाने लगे।
पास रखते थे हम जिसकी तस्वीर को,
रूबरू जान हम पर लुटाने लगे।
तोड़ बैठे निभाई न अपनी कसम,
दिल मेरा फिर सनम वो चुराने लगे।

