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वैशाली सिंह

Inspirational

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वैशाली सिंह

Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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हो ना सके अगर ख्वाब मुक्कम्मल तुम्हारे 

कोशिशें तुम्हारी हारनी नहीं चाहिये 

मदमस्त, मस्तमौला बनके फिरो

जिंदगी रो रो कर तुुम्हें काटनी नहीं चाहिये 


हाँ रात है काली स्याही की तरह 

तो सुबह का सूरज बन हरो तम को

खुशियाँ बिखरादो चहुँँओर

ग़म की अन्धकारमई छटा बँँटनी नहीं चाहिये 


नफरत की बूँदों को मिटा दो जरा 

प्रेममई बारिश करा दो जरा 

बहा दो हर दिल में प्यार की नदियाँ 

घृणा रूपी समुद्र की लहरें अब लौटनी नहीं चाहिये 


किसी बंजर हृदय को उपजाऊ बनादो

 फूल उम्मीदों के उनमे खिलादो

भँवरे यूँ ही सफलता के आते रहेंगे 

निराशा के कांटे अब नहीं चुभने चाहिये।


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