उम्मीद
उम्मीद
सुर्ख कागज़ के मस्तूलों वाली सुनहरी नौकाएं जब विहार करें
बारिश को नहीं होना चाहिए
जैसे हँसते मुस्कुराते हुए बच्चे जब शैतानियाँ करें
गुस्से को नहीं होना चाहिए ,
एक छोटी सी बच्ची के गुलाबी फ्रॉक के घेरे सी सुन्दर इस धरती पर
पूरे आसमान की सी मुस्कुराहट और प्रेम को बिछ जाना चाहिए
और उस पर काढ़े गए ढेरों रंग-बिरंगे बेल-बूटों को ज़मीन में उग आना चाहिए
कि पूरी सृष्टि उस गोल-गोल रानी इत्ता इत्ता पानी खेलती बच्ची की खिलखिलाहटों से गूँज उठे ,
बारिश का मौसम जब अनगिनत कश्तियों में बच्चों के सपनों से भर जाये तो ईश्वर को उनमे प्राण फूंक देने चाहिए
कि हर सपना अपनी मुकम्मिल मंजिल का हकदार बने
और हर गिरती उम्मीद को चुपके से अपनी ऊँगली थमा देनी चाहिए
कि हौसला उन्हें फिर से खड़ा कर सके ,
एक कोरे कागज़ पर रह गए कुछ आंसुओं के धब्बे टूटी हुयी रंगीन पेंसिलों की वो चुभन है
जो गमले वाले पौधे के उकेरे
जाने से पहले ही तोड़ दी गयी
कि वहां स्याहियों से अ ब स द लिखा जाना मुक़र्रर किया गया था
कि जो बेहद नीरस था
कि जिसे ललक से भरा होना था ,
बीरबहूटियों को बिन मौसम भी नज़र आना चाहिए
कि ये जंगल से मन को ख़ुशी से भर देते हैं
और बुरांश या कि गुलमोहर को अमलतासों से लिपट जाना चाहिए कि ये उदासियों पर प्रेम की छाप हैं ,
इन सबके लिए नफरतों ,घृणाओं और धर्मान्धताओं को तिलांजलि दे
इस दुनिया की सभी औरतों को कुछ और मजबूत
और मर्दों को कुछ और संवेदनशील होना चाहिए
एक दुसरे के साथ हंसने और रोने की कड़ी होना चाहिए
अहम के पार चाह की खलिश होना चाहिए
और बेवजह यूँ ही मुस्कुराने की वजह होनी चा एक दुसरे के साथ हंसने और रोने की कड़ी होना चाहिए
अहम के पार चाहिए ,
ये सबकुछ जो होना चाहिए उसका न होना और जो नहीं होना चाहिए उसका होना एक ऐसी गलती है
जिसका सुधार नहीं होता जिसकी माफ़ी नहीं होती |