उम्मीद की आस लिए बैठी हूं
उम्मीद की आस लिए बैठी हूं
ए जिंदगी तेरे बदलते रंग में
दिल की दुविधा हटाए बैठी हूं।
कशमकश भरी जिंदगी में
उम्मीदों की आस लिए बैठी हूं।
ए जिंदगी तेरी हर चुनौती का,
मैं तो जवाब लिए बैठी हूं।
बेफिक्र हूं तेरीआँखमिचौली से,
हौसले का दिल में जज़्बात लिए बैठी हूं।
माना तू लेगी इम्तिहान मेरा,
मिलेगी कामयाबी यह ठान के बैठी हूँ।
हर कदम पर बुनती है तू जाल नया,
निकालेगी तू ही मुझे यह आस लिए बैठी हूं।
बदलता है यहां नजरिया दुनिया का,
अपनों के साथ पर यकीं करें बैठी हूं।
तेरी चट्टान सी मुसीबतों पर,
नयी राह बनाते अरमान लिए बैठी हूं।
ना रूठे कभी मुझसे मेरे कभी,
बस तुझसे यह आस लिए बैठी हूं।