उम्मीद और संघर्ष

उम्मीद और संघर्ष

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उम्मीद की उम्र, हस्र से बड़ी होती है

ये एक पांव पर भी खड़ी होती है


हार जाता है इंसान जब आखिरी दाव भी

ये तब भी जीतने पर अड़ी होती है


उम्मीद जब टूटती है वो दुख की घड़ी होती है

पर सहने की आदत, दर्द से भी बड़ी होती है


ये तो फलसफा है हर संघर्ष करने वाले का

ये तो फलसफा है हर संघर्ष करने वाले का


सफलता की राह में मेहनत भी कड़ी होती है

पाने की आग जब लहू में दौड़े तब


उसकी तपिश को साहस बना कर

कूद जाना ज्वालामुखी को चीरने के लिए


उछल कर निकलेगा हर लावा भी

तुम्हारे हौसले को अपनी रौशनी बना कर


तुम्हारे जंग की कहानी सुनाने के लिए।


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