STORYMIRROR

Vikram Vishwakarma

Classics

4  

Vikram Vishwakarma

Classics

उमा- महेश्वर लीला

उमा- महेश्वर लीला

1 min
452


आज दिवस अति शुभ घड़ी आयी,

गौराने तप फल निधि पायी।।

पूर आनंद न जात समायी,

आज दिवस अति शुभ घड़ी आयी।।


चली उमा मन मगन, भवन पग छनन- छनन कर डोले, 

प्रेम मूर्ति साकार हुई जब दर्श दिए शिव भोले,

प्रेमानंद भरे तन पुलकित शैलसूता हर्षायी,

आज दिवस अति शुभ घड़ी आयी।।


प्रीत रीत अनुरूप उमाने करी तपस्या भारी, 

देख प्रेम, विश्वास अटल तब प्रकट हुए त्रिपुरारी,

कुछ सकूचायी कुछ मुस्कायी नैना झुकी लजाई ,

आज दिवस अति शुभ घड़ी आयी।।


बार बार शिवचरण नमन कर, गौरा अति हर्षायी,

जिव्हा कुछ कहनेको चाहत, पर कुछ कह नहीं पायी,

यह जोड़ी शिव-पार्वती की जगविख्यात कहायी,

आज दिवस अति शुभ घड़ी आयी।। 


              


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics