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Abhilasha Chauhan

Tragedy

5.0  

Abhilasha Chauhan

Tragedy

उजाले तेरी यादों के

उजाले तेरी यादों के

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उजाले तेरी यादों के,

        सदा रहते मेरे मन में।

कमी खलती बहुत तेरी,

है खालीपन जीवन में।

       छटपटाती कभी जब मैं,

      तेरी यादों की किरण कोई।

दिलाती आस मुझको है,

कि तू हर पल है जीवन में।

        रातों के घने अंधेरों में,

        तन्हाई बड़ी सताती है।

तभी इक टूटते तारे की,

चमक कुछ याद दिलाती है।

        गया जो इस जहां से है,

        वो दिल से गया कहां है।

तू तन्हाईयों में अकेली,

क्यों आंसू बहाती है।

        दे गया है तुझे वो प्रेम का,

         प्रतिदान कुछ ऐसा।

जिससे दुख के अंधेरों में,

किरण उजाले की मुस्काती है।

        न खो इस तरह तू कभी भी,

        खुद को भूलती जाए।

सहेजती चल उजालों को,

कि नई इक भोर आती है।

        जिया जो साथ में जीवन,

        खेलें बचपन में थे जो खेल।

मौत में भी कहां ताकत

जो उन्हें छीन पाती है।



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