उड़ान
उड़ान
उड़ान हौसलों की लक्ष्य
बेधन को
सुदृढ़ संकल्प के साथ
गर चले इंसान तो सब
संभव,
असंभव को संभव करता
है मानव
पीछे नहीं देखता मुड़कर
संकल्पी मानव
स्वप्न देखना, यह मानव
प्रवृत्ति है
साकार करना उसका लक्ष्य
लम्बी उड़ान के साथ
हौसले मज़बूत सशक्त होती
उड़ान
कल्पना दूर आकाश क्षितिज
को छूने की
हौसले के पंखों पर होकर
सवार
घूम आता है मानव ग्रहों के
भी पार
मज़बूत इरादों के विमान
पर होकर तैनात
कर लेता है हर आती बाधा
को पार
नहीं डरता आँधी तूफान से
बस नज़र लक्ष्य पर हौसले
बुलंद
उँची होती उड़ान
