उड़ान
उड़ान
मिला है मुझे अनंत आकाश
भरने को अपनी स्वछंद उड़ान।
पंखों को मैंने खोल दिया है
स्वच्छ पवन को मोह लिया है।
नित निरंतर उड़ना है मुझे
मैंने अब यह सोच लिया है।
दी है पंखों को आज़ादी
मन को चेतावनी भी दी है।
भरना है मुझे ऊंची उड़ान
मर्यादाओं में रहकर पांव।
मिला है मुझे अंनत आकाश
भरने को उन्मुक्त उड़ान।