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उड़ान बाकी है

उड़ान बाकी है

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तिनकों को जोड़ कर

 बना घोंसला हमारा 

इस प्यारे ‌से घोंसले में।


अभी-अभी जन्मी हूँ

सुकोमल नरम सी

नन्हें से परों का

निकलना बाकी है।


दिन भर खाने की तलाश में

माँ का चुग्गा लाना बाकी है।

भूख मिटा देती है माँ 

खुद कभी -कभी रह जाती भूखी

रोज थोड़ा थोड़ा उड़ना 

माँ हमें सिखाती है।

 

होंसला बुलंद हैं 

एक दिन होगा सपना पूरा

उड़ान बाकी है।


मोहब्बत हर बार सच्ची

लगती है जिंदगी में।

ना तुम फरेबी और ना हम

फरेबी लगते है ज़िन्दगी।


मोहब्बत मेरी जाने

जानिब हो ज़िन्दगी।

तुम सच्चे सीप के

मोतियों से हो ज़िन्दगी में।


अजी मोहब्बत का

मखौल न उड़ाइये।

फंसोगे जिस दिन

हमें याद फरमाइये।


आँखें भूरी सुनहरी

नीली आँखे

गहरी झील सी आँखें

मूंदी पलकों में देखती

सपनें आँखें।


खुली तो ख्वाबों को

हकीकत में बदलती आँखें

चित चोर तेज धार सी आँखें 

स्वपनीली मदहोश सी आँखें।


घनेरी पलकों में

बसी खूबसूरत आँखें

खुशी और ग़म के अश्रु से

छलकती आँखें।


ममता से सराबोर कभी

क्रोध में धधकती आँखें 

कभी शांत निश्चल कभी

ज्वालामुखी आँखें।

 

मृगनयनी या मीन सी आँखें

कभी तारे सी चमकती आँखें

बालपन की बिल्लोरी सी

चमकती आँखें।


मां की दुलार भरी आँखें 

बीवी की रोबीली आँखें 

और शर्म से झुकी आँखें

मक्कारी भरी वाचाल आँखें।


सुख दुःख को बाँटती आँखें

प्यार का इजहार करती आँखें

खूबसूरत चिलमन में बसी आँखें

हर चेहरे की खूबसूरती है आँखें।


देखा है इन से संसार की

हर नेमत को 

अनमोल ज्योति है आँखें।


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