उदासियों के तल्ख़ बीत जानें दो
उदासियों के तल्ख़ बीत जानें दो
जिंदगी उदासियों के तल्ख़ में बीत जाने दो
जो खुश है उन्ही को नया गीत गाने दो
हम खामोश हो गए इस शहर में
चलो झूठ ही सही उसे अब जीत जाने दो
उदासियों के तल्ख़ में बीत जाने दो !
किसी से न कोई कभी हमारा खफा था
हर किसी के लिए दिल से वफ़ा था
झूठे लोगों का ही सही उनका प्रीत आने दो
बेवफाई का एक नया रीति आने दो
उदासियों के तल्ख़ में बीत जाने दो !
चालाको से अच्छे तो बेजुबान अच्छे थे
महलों से बढ़िया गरीबो के मकान अच्छे थे
गर्मी के आने के बाद शीत आने दो
हार ही सही हार वाली जीत आने दो
उदासियों के तल्ख़ में बीत जाने दो !
