हार को न स्वीकार कर
हार को न स्वीकार कर


जीत का इंतज़ार कर
डर हमेशा फैला ही रहेगा
खुद से ही तू प्यार कर
हार को न स्वीकार कर
जीत का इंतज़ार कर
चलता रह तू हमेशा
चाहे जितना हो टूटकर
कर भरोसा अपने पर तू
चाहे जाए साथी छोड़कर
हार को न स्वीकार कर
जीत का इंतज़ार कर
कामयाबी को तू पा सकेगा
तिनका तिनका जोड़कर
खिला सकेगा फूल तू
हर रास्ते को मोड़कर
हार को न स्वीकार कर
जीत का इंतज़ार कर
जिस दिन समझ लेगा तू
अपनी ये जिंदगी का सार
मुट्ठी में होगी कामयाबी
साथ होगा सारा संसार
हार को न स्वीकार कर
जीत का इंतज़ार कर