त्योहारों का महत्व
त्योहारों का महत्व
रोज़ मर्रा के ज़िंदगी में दिल बोझिल सा हो जाता है,
आज के भागम _भाग में मनुज ऊब सा जाता है।
ऐसे में विभिन्न त्योहारों के आगमन से,
जीवन में एक लहर सी पैदा होती है।
नव उर्जा का संचार होता है,
आपास में लोग एकत्रित होते हैं।
सारे गीले _शिकवे भूल कर,
आपस में यादगार गले मिलते हैं।
कभी होली _कभी दिवाली _कभी नव वर्ष,
कभी भाई दूज _कभी रक्षा बन्धन तो कभी मकरसंक्रांति।
सारे गम को भूलकर लोग खुशियां मनाते हैं,
एक _दूसरे के प्रीत में रंग सा जाते हैं।
आपस की खटास ख़त्म हो जाता है,
प्यार मय संसार सज सा जाती है।
मानवता का फूल खिल जाते हैं,
दिल के अन्दर छीपी तम का नाश हो जाती है।
आनंद ही आनंद की शीतल हवा बहती है,
सादगी ही सादगी सी तरंग प्रवाहित होती हैं।
ज़िंदगी जीने का भरपुर मज़ा आ जाता है,
धरा पर ही स्वर्गिक सु:ख मिलने लगता है।