त्याग के मिसाल
त्याग के मिसाल
गुरु तेग बहादुर जी समर्पित
साहस शक्ति दृढ़ता आस्था
विश्वास श्रद्धा की बलि वेदी
पर कर दिया सर्वस्व बलिदान।।
गुरुओं की श्रेष्ठ परम्परा का
गुरु तेग बहादुर त्याग धर्म
कर्म बलिदान के सूरज चाँद।।
गुरु नानक के सच्चे अनुयायी
भक्त गुरु वाणी में जोड़ दिए
पवित्र एक सौ पंद्रह पद्य।।
अप्रैल माह का प्रथम दिवस सोलह सौ
इक्कीस सोलह सौ पचहत्तर
जन्म निर्वाण का काल
समय प्रवाह भारत की अक्षुण्ण
अक्षय संस्कृतियों की
रक्षा का संघर्ष सवाल।।
कट्टर इस्लामिक क्रूर क्रूरता
का दानव औरंगजेब चाहता
उसका इस्लाम कबूल करें
भारत का हर बच्चा बूढ़ा नौजवान।।
हर जगह इस्लाम के सलाम का
पैगाम भेजता, नहीं मानता जो
उसका पैगाम खुद पैगम्बर बन
कर देता उसका काम तमाम।।
नौवें गुरु तेग बहादुर जी को
भी भेजा पैगाम गुरु ने ठोकर
मारी औरंगजेब हुआ आहत
गुरु का सर धड़ से अलग करवाया
दुष्ट कातिल ने सरेआम।।
शीश दे दिया गुरुतेग जी ने नहीं
कबूला इस्लाम
गुरु द्वारा शीश गंज याद दिलाता
गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों
त्याग तपस्या बलिदानों का मार्ग।।
वर्तमान जागो तुम अतीत में झांको
तुम सच्चाई के दर्पण में स्वयं के
दिग्दर्शक पथप्रदर्शक पहचानो तुम।।
गुरु तेग बहादुर स शौर्य
सूर्य चिराग परम् प्रकाश मिसाल
मशाल भारत की गरिमा गौरव के
अतीत वर्तमान।
