STORYMIRROR

Ankita Maheshwari

Drama

1  

Ankita Maheshwari

Drama

तू मेरे प्रतिरूप-सी है

तू मेरे प्रतिरूप-सी है

1 min
1.8K


गुलाबों की महक-सी है,

चिड़ियों की चहक-सी है।


सूरज की किरणों-सी है,

चंचल से हिरणों-सी है।


सर्दी की धूप-सी है,

चंद्रमा के रूप-सी है।


सुरीले साज़-सी है,

मौसम के बदलते अंदाज़-सी है।


झरनों के पानी-सी है,

परियों की कहानी-सी है।


मेरी कल्पना स्वरूप-सी है,

तू मेरे प्रतिरूप-सी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama