तू है महान
तू है महान




मुझे आसमान को छूना हैं,
और चाँद को पाना है
अभी जीवन की कहानी में
करने को है, बहुत कुछ
मन, तू क्यूँ मेरा उदास है,
जब हूँ मैं तेरे साथ
अभी तो साँसों में आवाज़ है
हो रहा शरीर में रक्त का
संचार है
अभी तो जीवन में, मस्तिष्क में
नये उर्जाओं का पर्वाह है
क्या हुआ जो कोई नहीं साथ है
आना और जाना तो सभी ने
अकेले है फिर क्यूँ तो हर वक़्त
किसी को देखे है
तू तो चट्टान से भी सख़्त बन
ऐसा तेरा वजूद हो की
हर कोई तुझे पकड़े जब वो
लड़ख़ड़ाए पाने तेरे ही सहारे को
तू है महान, अगर तू ये जान जाये
तू है अचल, अगर तू ये मान ले
ना कर तू अब व्यर्थ एक भी पल को
चलना है तुझे अभी सख़्त राहों पे
बनने के लिये लोह पुरुष अभी
झेलना है कठोर मारो को
बन जा तू सशक्त, अजेय और निर्भय
क्यूँ की तुझ में है वो आग जो
जला देगी तेरे सारे संशय