तू है मेरी ज़िन्दगी में
तू है मेरी ज़िन्दगी में
तू है मेरी ज़िन्दगी में
यह एहसास, सुकून देता है मुझे
जब भी चाहूँ पकड़ लूँ तेरा हाथ
निकल जाऊॅं गलियों में
यह हक़, ख़ुशी देता है मुझे
वह हर बात जो सोचूं
किसी से कहूं न कहूं
तेरे मिलते ही, बेझिजक कह देना
यह अपनापन, हौसला देता है मुझे
तू चाहे जाये कितनी भी दूर
शाम को मेरी गली से निकल के जाना
कुछ मेरी सुनना
कुछ अपनी सुनाना
यह सिलसिला, उमंग देता है मुझे
हर बार जब मैं हर जाता हूँ
रोज़ की दौड़ में कुछ पीछे रह जाता हूँ
तेरा मिलते ही बड़ी बात को छोटा कर देना
यह ढंग, हल्का कर देता है मुझे
फिर जब कभी तू लगे मायूस सा
अपने ख्यालों में खोया सा
तेरा आ के चुपके से मेरे पास बैठ जाना
चुप आँखों से सब पूछ लेना
और फिर मेरी हर बात को सच मान लेना
जीने का एक मकसद, देता है मुझे
ज़माने के लिए हम बस दोस्त है
कुछ ज़्यादा साथ दीखते है
इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं
पर मेरी हर सवेर तेरे होने से होती है
तेरी हर शाम मुझे मिलकर ही खतम होती है
यह सारे मामूली से सच
जीने की वजह, देते है मुझे
कभी सोचा नहीं
यह सवाल कभी बना भी नहीं
की मैं ज़रूरी हूँ तेरे लिए
या तू ज़्यादा मेरे लिए
पर इतना वादा कर के जाना
की तू जब भी आये इस दुनिया में
अपना एक हिस्सा मेरे लिए छोड़ देना
अपनी एक डोर मुझसे बांध लेना
क्यों की,
तू है मेरी ज़िन्दगी में
यह एहसास सुकून देता है मुझे