जीना किसी के लिए
जीना किसी के लिए
खुद को भुला के चाहूँ जो जीना किसी के लिए,
मेरी ज़िंदगी पे उठे क्यों सवाल इतने?
छोड़ के अपनी ख़ुशी जो मांगूं किसी के लिए
तो मेरे अपनो को ही क्यों है मुज़ से मलाल इतना।
कैसे बताएँ क्यों है किसी से प्यार इतना।
खुद को भुला के चाहूँ जो जीना किसी के लिए,
मेरी ज़िंदगी पे उठे क्यों सवाल इतने?
छोड़ के अपनी ख़ुशी जो मांगूं किसी के लिए
तो मेरे अपनो को ही क्यों है मुज़ से मलाल इतना।
कैसे बताएँ क्यों है किसी से प्यार इतना।