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Ravinder Raghav

Abstract Romance

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Ravinder Raghav

Abstract Romance

तुमसे मोहब्बत क्या हुई

तुमसे मोहब्बत क्या हुई

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तुमसे मोहब्बत क्या हुई

मेरे अपने मुझसे रूठ गए, 


उनको मनाने की कोशिश में

कितने अपने छूट गए, 


कितनों के चेहरों से

अपनेपन के नकाब टूट गए, 


उनके नकाब टूटने से

कितने रिश्ते छूट गए, 


तुमसे मोहब्बत क्या हुई

मेरे अपने मुझसे रूठ गए, 


जिनकी नज़रों के तारे थे

उनकी नज़रों से छूट गए, 


जिनके दिलों में बसते थे

उनके दिलों से छूट गए, 


जिनके घर में रहते थे

उनके घरों से छूट गए, 


तुमसे मोहब्बत क्या हुई

मेरे अपने मुझसे रूठ गए।


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