तुम्हें दिल से चाहते हैं
तुम्हें दिल से चाहते हैं
तुम्हें दिल से चाहते हैं
तुम यूँ मेरा इम्तिहान न लो।
खुशियाँ ना दो ना सही,
पर दर्द का अब कोई सामान न दो।।
मोहब्बत नहीं है कोई ग़म नहीं,
पर मेरे प्यार को नफ़रतों का नाम न दो।
अधूरी ही रहने दो चाहत मेरी,
इस रिश्ते को कोई अंजाम न दो।।