तुम्हे भूलने लगे है...
तुम्हे भूलने लगे है...


तुम्हे भूलने में कुछ अर्जा लगा,
पर अब हम थोड़ा संभलने लगे है।
ये सितम का पहाड़ जो तुमने बनाया था,
उसे तोड़ने में सफल हम अब होने लगे है।
खुदको पहचानने की कोशिश हम फिरसे करने लगे है।
तुम्हे भूलने लगे है।
तुम्हारी दी गई कोई एक चीज,
भी इन जख्मों को ताज़ा करने के लिए काफी है,
पर अब हम थोड़ा संभलने लगे है,
आगे चलना सीखने लगे है,
तुम भूलने लगे है।
दिल जख्मी हुआ था तब दर्द से,
पर मरहम तो लगा है इस दर्द पे,
पर अब इस दिल को संभलने की कोशिश हम करने लगे है,
रात दिन तुम्हे याद करना छोड़ने लगे है,
तुम्हे भूलने लगे है।
दिल की बात है और दिल ही समझ सकता है,
पर अब दिमाग से काम करना सीखने लगे है,
धीरे धीरे मासूमियत छोड़ने लगे है,
तुम्हे भूलने लगे है।
तुम्हारी तस्वीर को लॉकर में छोड़कर चाबी फेक चुके है,
तुम्हारी हर याद को,
दिलो दिमाग से निकाल चुके है।
तुम्हे भूलने लगे है।
तुम्हारे बिना सांसे लेना सीखने लगे है,
तुम्हे हमेशा के लिए भूलने लगे है।