तुम्हारी नस्लें।
तुम्हारी नस्लें।
तुम्हारी आने वाली नस्लें मुझे गुनगुनाया करेंगी
मेरे सुर के साथ अपने राग मिलाया करेंगी
जब ज़माने की उलझनों से बेकरार हो जाया करेंगी
मेरे कतबों को अपने ज़िक्र-ओ-फ़िक्र में लाया करेंगी
तुम्हारी नस्लें मुझे गुनगुनाया करेंगी।
