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Premnath Yadav

Abstract Fantasy Others

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Premnath Yadav

Abstract Fantasy Others

मैं प्रेम हूं।

मैं प्रेम हूं।

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मैं यहां भी हूं और वहां भी हूं पार्थ। 

मैं सम्पूर्ण जगत में विराजमान हूं !!


मैं स्नेह और प्रेम का वाहक हूं,

मैं प्रत्येक हृदय में विराजमान हूं। 


मैं नासिका के माध्यम से नसों में,

प्रवाहित होने वाली वायु के भांति हूं।  

मैं सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड हूं, "मैं प्रेम हूं"

मैं ही सृष्टि का एक मात्र बिंदु हूं।


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