तुम्हारे साथ जो
तुम्हारे साथ जो


तुम्हारे साथ जो गुज़रे वो सारे पल सुहाने हैं।
बचे जो जिंदगी के दिन तुम्हारे संग बिताने हैं।
नहीं अब शर्म है कोई हमें ये बात कहने में,
हमारे तुम दीवाने हो तुम्हारे हम दीवाने हैं।
मुहब्बत पाक है अपनी नही इसमें मिलावट है,
करेगी याद ये दुनिया हमारे वो फसाने हैं।
तेरी आँखो में देखा है झलक जन्नत की मेरी है,
जहां है ज़िंदगी अपनी जहां अपने ज़माने हैं।
हमें दिल से कभी न दूर करने की खता करना,
यही तो घर हमारा है वगरना बे-ठिकाने है।