तुम्हारे बाद....
तुम्हारे बाद....
तुम्हारे बाद वो दिवानी रातें
अब वीरानी सी हो गई हैं
पर कहते की मेरी बातें
कुछ सयानी सी हो गई हैं
शायद मेरी वो बचकानी शरारतें
तेरे साथ ही सो गई हैं
और दिल समझ गया है की
तुम्हारा मेरा साथ अब और नहीं है
सब समझते हैं सफेद रंग में लिपट गई
तो मेरे कोई जज़्बात नहीं है
एक बार आकर कह दो इनको
मेरा दिल रंगो का मोहताज नहीं है
मेरा दिल रंगो का मोहताज नहीं है