तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
देहरी साझा कर आई हूँ
मुख पे मुस्कान और दिल में प्यार लायी हूं
एक साथी के साथ के सपने
जीवन में सम्मान के सपने
साथ चलने और सच बोलने के वादे।
मर्यादा और सम्मान के दायरे
अपनी जगह बनाने में मदद तुम्हारी की आस
मेरे मन में उपजे विचार को दिशा
तुम वजह हो यहाँ होने की
अपनी जवाबदारी तो बतानी होगी।
काम में कोताही नहीं पर तनातनी नहीं
कुछ बुरा लगे तो तुमसे बोलने की आज़ादी
बहुत प्यार हो जो कभी कम न है।
मेरी परवाह और साथ की चाह रहे
बस यूँ ही जीवन में आगे बढ़े
हाथों में हाथ और तुम्हारा साथ।