आज की होली
आज की होली
आज की होली में वो बात नहीं
रंगों में कुछ तकरार है
अब कहाँ वो गेंहू की बाली से नमस्कार है
कहाँ वो बेतकल्लुफ़ है
किलो किलो गुझिया की भंडार नहीं
न पास पड़ोस में थाली की अदला बदली है
चाहे देश हो या विदेश
एक रूखेपन की पिचकारी है
दारू के साथ रीमिक्स गानों की मारा मरी है
बड़ो के अदब से न फ़रमानी है
रंगो में भी रिश्तो सी मिलावट है
एक डाइट नमकीन के साथ
थीम में लड़खड़ाते थिरकते पैरो की थाप है
सफ़ेद रंग के नए कपड़ों के साथ
होलिका की कहानी और त्योहार की
महिमा से दुनिया अनजानी है
होली पे सिर्फ एक मैसेज आता है
रंग, मिठाई और बधाई सब दे जाता है
एक एहसास जगाता है माँ
का घर बहुत याद आता है
अपने पे रश्क़ होता है कहाँ
इतना कोई अब देखता है
सीखा तो दिया है बच्चों को
बस वही बात है शरीर तो
जान गए पर रूह याद नहीं।