तुम तो सुबह की चाय सी
तुम तो सुबह की चाय सी
आँखों को खोल दे जो
ऐसी ही ताजगी हो
तुम तो सुबह की चाय सी
मीठी सी ताजगी हो।
बाहर निकल के देखा
पौधों में ओस सी हो,
तुम ही तो जिन्दगी में
सचमुच के जोश सी हो।
आनन्द है तुम्हीं से
जीवन सुखद तुम्हीं से,
प्राणों का धन तुम्हीं हो
एकत्र कोष सी हो।
खुशबू हो फूल की तुम
रवि का उजाला हो तुम
हो टेक जिंदगी की
आधार ठोस सी हो।

