तुम सफल हुए
तुम सफल हुए


कीचड़ में कमल खिला, कांटों के बीच गुलाब
जिसे कुछ बनाना चाहती है ईश्वरी शक्ति
उसे सतत संकटों में डालकर मजबूत बनाती है
हजार असफलताओं का अर्थ है एक शानदार सफलता
सोना तपकर ही आभूषण बनता है
गले में जहरीले सर्पों को धारण करने वाला ही
महादेव, महाकाल कहलाता है
तुम्हें कुछ बनना है तो बचने की प्रवृत्ति छोड़ना होगा.
लड़ना होगा, जूझना होगा, संकटों से खेलना होगा
और लक्ष्य की ओर ध्यान रखना होगा
असफलताओं को अनदेखा करके
करते रहना होगा सतत प्रयास
और तुम देखोगे कि हर संकट एक परीक्षा थी तुम्हारे लिए
और अंततः तुम सफल होगे।