तुम मिलने..!
तुम मिलने..!
तुम मिलने,
आएं हों हमसे दिल में
ऐसा लगा जैसे खिलने,
आए हों तुम हमसे मिलने
तुम मिलने.......
हदय से अब हदय जुड़ा हैं,
मन से मन जुड़ चुका हैं,
मन पागल मन बांवरा हैं,
इस मन रहता सांवरा हैं,
मैंने जितना छोड़ना चाहा,
श्याम ने उतना पकड़ लिया हैं,
बैययआ ना छोड़े, कलाइयां मरोड़े
अपनी तरफ अब मन कर लिया हैं,
तन, मन पर ऐसा जादू किया हैं,
हदय सांवरा नाम हुआ हैं,
श्याम कहके दिल धड़कता हैं,
मोहन मन में बसता हैं,
तुम आए हो मिलने हमसे,
हमसे ये प्यार हैं तुमसे,
तुम ही हो आधार मन के,
तुम हीं हों साकार जीवन के,
इतना ह्रदय में तुम बस जाओ,
जैसे राधा के मोहन,
तो मेरे भी तुम श्याम कहाओ,
मेरे भी तुम श्याम कहाओ..!

