तुम कहती नहीं
तुम कहती नहीं
तुम कहती नहीं और मुझसे कहा भी नहीं जाता
सच ये है यार के इस हाल में रहा भी नहीं जाता
मैं डर जाता हूँ सोच कर वह मंजर जुदाई वाला
मुझसे ये सब अब बिलकुल सहा भी नहीं जाता
तुम्हारी बातें तुम्हारा ख्याल साथ लिये जाता है
मेरा दिल कॉलेज से कभी तन्हा भी नहीं जाता
कितना अच्छा होता न जानां के हम यूं ही रहते
दूर तुम नहीं जाते और यह लम्हा भी नहीं जाता
मेरी जिंदगी के किताब का अहम हिस्सा हो तुम
तेरा जिक्र न हो ऐसा एक सफ़्हा भी नहीं जाता
(सफ़्हा - पन्ना )