तुम जाओ किसी ओर के पास
तुम जाओ किसी ओर के पास
तुम जाओ किसी ओर के पास।
लेकिन याद करके भी न करना।
जाते वक्त मोहब्बत के परछाई लेते जाना।
हमें भी तो याद रहे उम्र भर, कैसा रिश्ता था फसाना।
जो बिताए हमारे साथ मै कैसे भूलूंगा।
थोड़ा जाम पी लूंगा, जब याद आएगी तुम्हारी।
लेकिन हमारी भी याद आएगी तुम्हारी, तुम्हें इसी मोड़ पर।
तुम मुस्काते हुए हंस देना लेकिन गम नहीं लाना, बेचारी।
मैं जी लूंगा तुम चिंता मत करना।
अगर कब्र की तैयारी भी हो जाए मेरी।
तुम झरने की तरह इन प्यारी आंखो से आंसू मत बहाना।
तुम जहां भी रहना खुशहाल रहना, यहीं आशीर्वाद मेरी।
जो बंधन टूटे प्रेम के ये तो हमें पता नहीं।
पर तूने ऐसा क्यूं किया साथिया।
जो अभी भी दर्द बढ़ रहे हैं मेरे दिल के।
तुम अच्छी थी इसलिए चाहा, क्यों छोड़ा हमें साथिया।
कैसी अनहोनी है हम दोनों के बीच।
जो पहले प्यार बाद में जख्म दे बैठी।
वहीं तो सोच रहा हूं यार कैसी जोड़ी रब ने बनाई।
पल में तोड़ कर, दूसरों के हो बैठी।
