तुम हो मेरा दर्पण
तुम हो मेरा दर्पण
तुम बने प्रेरणा
मेरे रीते जीवन की,
तुमसे ही रोशन हुआ
मेरे अँधियारे मन का दीप!
तुम हो मेरे दर्पण
मेरा ह्रदय तुम्हें ही अर्पण,
तुमसे खिला घर आँगन
तुमने दिया मेरे सूने ह्रदय को लीप !
तुम हो जीवन आधार
तुमसे ही सीखा प्रेम प्यार
तुम्हारी निष्ठा तुम्हारा समर्पण
जैसे सागर में मोती सीप!

