अध्यापिका, लघुकथाकार व रेडियो आर्टिस्ट
भाई ये घर पापा का नहीं मम्मी पापा दोनो का है, समझा ना ! भाई ये घर पापा का नहीं मम्मी पापा दोनो का है, समझा ना !
गंगा जमुना सी बह उठी और उसका सिर बाबूजी के आगे सजदे में झुक गया। गंगा जमुना सी बह उठी और उसका सिर बाबूजी के आगे सजदे में झुक गया।
तब हो जाएगा तुम्हारा कर्ज चुकता !" तब हो जाएगा तुम्हारा कर्ज चुकता !"
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
भूल जा सब गिले शिकवे....दिल से निकाल फ़ेंक इन्हें और बिंदास जिंदगी जी। इस तरह घुल-घुलकर जियेगी तो बी... भूल जा सब गिले शिकवे....दिल से निकाल फ़ेंक इन्हें और बिंदास जिंदगी जी। इस तरह घु...
मन और शरीर दोनों की सेहत का रहस्य है- जो बीत गया उस पर दुःख ना करें, भविष्य की चिंता ना करें.... मन और शरीर दोनों की सेहत का रहस्य है- जो बीत गया उस पर दुःख ना करें, भविष्य की च...