अध्यापिका, लघुकथाकार व रेडियो आर्टिस्ट
डॉ प्रियंका रेड्डी के लिये - काश! मैं होती एक बिन्दु भर न पड़ती किसी की बुरी निगाह मुझ पर न बनती किसी की आँखों की किरकिरी !