तुम एहसास हो
तुम एहसास हो
पुष्प हो उसकी खुशबू हो तुम हवा हो,
तुम मेरे जीवन का प्यारा सा एहसास हो,
शब्द हो छंद हो तुम ही कविता का श्रृंगार,
उस कविता का रंग रूप और सादगी हो,
वो ख्वाब जो हर पल नयनों में उभरता है,
मेरा सहयोग एहसास तुम बहुत ही खास हो,
सूरज की वो पहली किरण जो चमकती है,
सृजन करती तुम मेरे जीवन का अलंकार हो,
तुम राह तुम ही सफर हो तुम ही मेरी मंजिल,
मेरी खुशी और मेरे हर दर्द की तुम दवा हो,
दूर रहकर भी तुम हमेशा रहती हो मेरे पास,
रूप हो रंग हो तुम ही मेरा वो आकर्षण हो I