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निखिल कुमार अंजान

Inspirational

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निखिल कुमार अंजान

Inspirational

तुझको सलाम है...

तुझको सलाम है...

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तिरंगे की आन बान शान की ख़ातिर

लूटा देते हैं जान देश के वीर जवान

प्राण जाए किंतु देश रक्षा का फर्ज़ निभाए

तिरंगा अपना कभी न झुकने पाए

केसरिया चोला पहन मतवाले हो जाते है

अंतिम विदाई में सब को भावुक कर जाते हैं


जीवन इनका देश को समर्पित है

मेरा देश के शहीदों को शत शत नमन है

परिवार से पहले इनको देश नजर आता है

भारत माता का असल कर्ज चुकाता है


हर बुरी नजर से बचाने हेतु देश को

विषम परिस्थितियों मे भी नहीं घबराता है

भारतीय सेना के साहस और शौर्य का

परचम पूरे विश्व मे लहराता है

हर जवान की यही ख़्वाहिश होती है

शव उसका तिरंगे मे लिपटना चाहता है


जिस मिट्टी में पैदा हुआ जिसके लिए जिया

उस मिट्टी के आगोश मे ही सोना चाहता है

अपने लहू का कतरा कतरा देश के लिए बहाता है

जब तक चलती है साँस पूरी प्रीत निभाता है

सच में यही देशभक्त है यही देश को चाहता है

दिल से तुझको अंजान सलाम करना चाहता है.....



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