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Shrddha Katariya

Tragedy

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Shrddha Katariya

Tragedy

तुझ से शिकायत

तुझ से शिकायत

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ये तेरे मेरे दरमिया अब कुछ नहीं है

पर दिल पे तेरी ही आगाज होती है।


तू मुझसे बात करे या ना करे

तुझ से अब ये गिला_खफा कहा होती है ?


तू मिलता रहता है हर वक्त मेरी यादों में

सुबह शाम तेरी ही तो मेरे मन में बाते होती है।


तुम दिल की धड़कन हो जिसे हर वक्त सुनना चाहूं

खुद को मिटाकर तुझ पर मरने की चाहत होती है।


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