STORYMIRROR

Ekta Kochar Relan

Abstract

3  

Ekta Kochar Relan

Abstract

ट्यूशन

ट्यूशन

1 min
313


पहले बच्चे घर पर पड़ते

स्कूल में होती थी सब पड़ाई

न करते तो शामत आई

पर अब ट्यूशन स्टेट्स सिम्बल बना 


कोई पड़ने की लेता क्लास

किसी को करना टाइम पास

कही मम्मी व्यस्त है तो

लगाई ट्यूशन क्लास 


अपनी- अपनी ढपली

अपने-अपने राग

कौई हजारों रूपये ट्यूशन मे

लगाता


कहीं बच्चा क्लास मे ही पड़ 

पूरे नंबर ले आता

सारा दिन भागमभाग

माँ- बाप का बुरा हाल


और तो और खेलने की 

भी अब लगे क्लास

बेटा तू होना ना कभी लास्ट


परवरिश का नाम बस रही पढ़ाई

पास के कमरे भी हो तो

फोन करे आजा अब भाई

मिलने पर अक्सर सबसे पूछे


तुमने कहाँ- कहाँ कौन सी ट्यूशन लगाई

मिलने- जुलने का टाइम ही न होता

सब और से यही आवाज आई

ट्यूशन है आज

खाली नहीं हूं आज।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract