टूटा रिश्ता
टूटा रिश्ता
1 min
524
कभी कभी एक टूटा रिश्ता
हर उस रिश्ते का मोल समझा देता है,
जो कभी अपना होने का
दावा किया करता था।
एक एक कर हर चेहरे से
नकाब उतरने लगता है,
लफ्जों की मिठास की जगह
दिलों का मैल दिखने लगता है।
एक उमर बीत जाती है जिनको
अपना बनाते बनाते,
एक पल भी नहीं लगता उनको
अपना असली रूप दिखाते।