टूटा हुआ दिल
टूटा हुआ दिल
आस औऱ उम्मीद ये अब पराये लगने लगे हैं हमें
जिनसे मोहब्ब्त की वो ही अब सताने लगे हैं हमें
अब तो विश्वास शब्द से ही मेरा विश्वास उठ गया है,
जिसे माना धड़कन वो ही अब दिल तोड़ने लगे हैं
अब तो उस शीशे से भी नफ़रत सी हो गई है हमें
जिसे देखकर बार बार ही वो याद आने लगे थे हमें
अब कोई भी ज़ख्म हमे बिलकुल ही सताता नहीं है
अब जख्मों के दरिया भी ज़ख्म लेने पास आने लगे हैं
ये टूटी नाव लेकर बेसहारों सा चलता ही जा रहा हूं
अब तो मौत भी तरस खाकर हंसने लगी है देख हमें।