ठान लिया है मैंने
ठान लिया है मैंने
ठान लिया है मैंने,
अब किरदार नहीं हक़दार बनना है,
जीवन रुपी कथा का सूत्रधार बनना है !
किरदार बन कर निभा अगर जो,
पन्नों में सिमटा रह जाऊंगा,
जीवन के इस भव सागर में,
श्रृंगार से लिपटा रह जाऊँगा !
इसलिए ठान लिया है अब मैंने..!
पदचिन्हों पर ना चल कर मैं,
खुद पदचिन्ह बनाऊँगा,
सूत्र धार बन नायक तक का,
भाग्य सृजन कर पाऊँगा !
हाँ जी ठान लिया है मैंने..!
अब हर एक पृष्ठ में मेरी अभिव्यक्ति होगी,
ना कि सीमित चंद सोपानों की आशक्ति होगी !