ठान लिया है मैंने, अब किरदार नहीं हक़दार बनना है, जीवन रुपी कथा का सूत्रधार बनना है ठान लिया है मैंने, अब किरदार नहीं हक़दार बनना है, जीवन रुपी कथा का सूत्र...
आज ही नहीं आदि से हम भले ही मंथरा को दोषी ठहराते, पापी मानते हैं. आज ही नहीं आदि से हम भले ही मंथरा को दोषी ठहराते, पापी मानते हैं.
दुनिया समाज में परिवर्तन की अलख जगाते हैं। दुनिया समाज में परिवर्तन की अलख जगाते हैं।
बेटी मां-पिता का ध्यान रखती, उचित-अनुचित का भी ज्ञान रखती। बेटी मां-पिता का ध्यान रखती, उचित-अनुचित का भी ज्ञान रखती।
क्यों .....देश की उम्मीदों को नशे में डूब रहे हो। क्यों .....देश की उम्मीदों को नशे में डूब रहे हो।
साधन साधना की जिसमें, शरीर की मुद्रा के विभिन्न प्रकार साधन साधना की जिसमें, शरीर की मुद्रा के विभिन्न प्रकार