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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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ताल से ताल

ताल से ताल

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आइये सब मिलकर

ताल से ताल मिलाते हैं,

नव प्रभात का नया सूर्य

मिलकर उगाते हैं।

मन, वाणी कर्म से

मतभेद मिटाते हैं,

नयी परिकल्पना का

सूत्रधार बन आगे आते हैं।


सबके मन में

सुंदर, स्वच्छ सरल भाव जगाते हैं,

दुनिया समाज में 

परिवर्तन की अलख जगाते हैं।

सब मिलकर नया इतिहास रचाते हैं,

दुनिया को खुशहाल बनाना है

इस सोच के साथ

सब मिल जुलकर कदम उठाते हैं।



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