बेटियां हैं तो कल है
बेटियां हैं तो कल है
बेटियां ही मानवता का बल है।
बेटियां हैं तो हम सबका कल है ।।
बेटी बिन परिवार अधूरा,
बेटी है तो घर स्वर्ग है पूरा।
माता की बेटी अरमान होती,
पापा की बेटियां जान होती।
बेटी मरुस्थल में जैसे जल है।।
बेटियां हैं तो हम सबका कल है।।
बेटी मां-पिता का ध्यान रखती,
उचित-अनुचित का भी ज्ञान रखती।
पढ़ने - लिखने में बेटियां आगे,
नौकरी उनके पीछे अब भागे।
बेटियां हर समस्या का हल है।।
बेटियां हैं तो हम सबका कल है।।
सोचो बेटी ना होगी धरा पर ,
बहन-बहू कहां से लाओगे ?
सुनी रह जाएगी यह कलाई,
रक्षा-राखी न बंधा पाओगे।
सृष्टि की सूत्रधार पहल है ।।
बेटियां हैं तो हम सबका कल है।।