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Neerja Sharma

Abstract

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Neerja Sharma

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टेक्नोलॉजी-भूमिका

टेक्नोलॉजी-भूमिका

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रंग बदल गया

रूप बदल गया 

सही कहूँ...

पूरा जीवन बदल गया।


आज के युग की 

पहली जरूरत 

टेक्नोसेवी बनो 

टेक्नोलॉजी सीखो।


विकास की दौड़ में 

गर बढ़ना है आगे 

तो प्रौद्योगिकी ही 

है सबसे बड़ा आयाम।


मोबाइल तो अब हो गया है आम 

छोटा बच्चा भी जाने सब काम 

बड़ों से बेहतर अब बच्चे जानते 

समय की माँग को है पहचानते।


कम्प्यूटर के बिना 

अब न चलता काम 

घर हो या आफिस 

यह चलता साथ।


समय और मेहनत दोनों बचते 

लिखने के चक्कर से सब बचते 

न लेखन पर अब पड़ती डाँट

हर चीज अब मेल की गुलाम।


नए डिवाइस, नई टेक्नोलॉजी

जीवन को हमारे कर गये इज़ी 

हम भी इस उमर में करते है काम 

स्कूल का हर काम कम्प्युटर के नाम।


शुरू में हम भी थे खूब बौखलाए

मेल, मैसेज पढ़ने-भेजने न आए

आज तो खुद पर नहीं होता विश्वास 

कैसे टेक्नोलॉजी ने बनाया खास।


सुबह से शाम हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी 

हम बन गए है टेक्नोसेवी

खुद अब सबल बना लिया 

टेक्नोलॉजी को ताज बनाया।


यह ताज अब हमारी शोभा है 

विकास के दौड़ में हम आगे है

हर रोज स्टोरी मिरर से बातें करते है

कुछ उनकी सुनते, खुद की कहते।


सोचकर होती है हैरानी

न होती टेक्नोलॉजी तो 

जीवन हो जाता बेमानी 

न आती पहचान बनानी।


टेक्नोलॉजी की भूमिका 

है अपरंपार

गुणगान करें तो अनगिनत व्याख्यान

बस रखना है केवल यही ध्यान 

कभी साइबर क्राइम में न आए नाम।


अच्छे कामों का नतीजा अच्छा 

जैसा बोओगे वैसा काटोगे 

सही प्रयोग देगा स्वर्ग 

गलत के चक्कर भोगो नर्क।


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