शुरू में हम भी थे खूब बौखलाए मेल, मैसज पढ़ने-भेजने न आए आज तो खुद पर नहीं होता विश्वास कैसे टेक्... शुरू में हम भी थे खूब बौखलाए मेल, मैसज पढ़ने-भेजने न आए आज तो खुद पर नहीं होता...
एक टुकड़ा कागज का उड़ा देता होश चाहे टैक्नोसेवी हो जाएँ, नहीं कागज का तोड़। नहीं कागज का तोड़, ह... एक टुकड़ा कागज का उड़ा देता होश चाहे टैक्नोसेवी हो जाएँ, नहीं कागज का तोड़। ...